नोएडा रेव पार्टी केस में एक नया मोड़ आया है, जहां यूट्यूब स्टार और बिग बॉस ओटीटी विजेता एल्विश यादव (Elvish Yadav) के खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर उन पर गवाह को धमकाने (Threatening Witness) के आरोप में दर्ज की गई है। यह मामला पहले से ही चर्चा में था, लेकिन अब यह और गंभीर हो गया है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस केस की पूरी जानकारी, एल्विश यादव के खिलाफ लगे आरोप, और इस मामले में शामिल संगठन पीपल फॉर एनिमल (PFA) और सौरभ गुप्ता (Saurabh Gupta) की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
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नोएडा रेव पार्टी केस की पृष्ठभूमि
नवंबर 2023 में, नोएडा के एक फार्महाउस में एक रेव पार्टी का आयोजन किया गया था, जिसमें एल्विश यादव और उनके कुछ दोस्त शामिल थे। इस पार्टी में नशीले पदार्थों और सांप के जहर (Snake Venom) का इस्तेमाल होने की खबरें सामने आईं। इस मामले की जांच पीपल फॉर एनिमल (PFA) ने शुरू की, जो एक जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था है। PFA के सदस्य सौरभ गुप्ता (Saurabh Gupta) ने इस मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई।
जांच के दौरान, यह पाया गया कि पार्टी में सांपों का इस्तेमाल किया गया था, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) के तहत एक गंभीर अपराध है। इसके बाद, एल्विश यादव और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

गवाह को धमकाने के आरोप में एल्विश यादव के खिलाफ FIR
हाल ही में, इस मामले में एक नया विकास हुआ है। एल्विश यादव पर गवाह को धमकाने (Threatening Witness) के आरोप लगे हैं। दरअसल, इस केस में एक गवाह ने पुलिस को बताया कि एल्विश यादव और उनके सहयोगियों ने उन्हें धमकाया है। गवाह का कहना है कि उन्हें केस से दूर रहने और कोर्ट में गलत बयान देने के लिए दबाव डाला गया।
इस शिकायत के बाद, नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव के खिलाफ धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की है। यह कदम इस मामले को और गंभीर बना देता है, क्योंकि गवाह को धमकाना एक गंभीर अपराध माना जाता है।
पीपल फॉर एनिमल (PFA) और सौरभ गुप्ता की भूमिका
इस मामले में पीपल फॉर एनिमल (PFA) और सौरभ गुप्ता (Saurabh Gupta) की भूमिका काफी अहम रही है। PFA एक गैर-सरकारी संगठन है, जो जानवरों के अधिकारों के लिए काम करता है। इस संगठन ने नोएडा रेव पार्टी केस को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सौरभ गुप्ता, जो PFA के सदस्य हैं, ने इस मामले की जांच की और पुलिस को सबूत उपलब्ध कराए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई हो और दोषियों को सजा मिले। सौरभ गुप्ता के प्रयासों की वजह से ही इस मामले में इतनी प्रगति हुई है।
एल्विश यादव का पक्ष
एल्विश यादव ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वह निर्दोष हैं। उनका कहना है कि यह सब उनके खिलाफ एक साजिश है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। एल्विश ने सोशल मीडिया पर भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और अपने फैंस से समर्थन मांगा है।
हालांकि, पुलिस और जांच एजेंसियों के सामने जो सबूत हैं, वे एल्विश यादव के खिलाफ मजबूत हैं। इसके अलावा, गवाह को धमकाने के आरोप ने उनकी स्थिति को और कमजोर बना दिया है।
कानूनी प्रक्रिया और आगे की राह
अब तक, इस मामले में कई आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन एल्विश यादव अभी तक गिरफ्तारी से बचे हुए हैं। हालांकि, गवाह को धमकाने के आरोप में FIR दर्ज होने के बाद, उनकी गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है।
अगर एल्विश यादव को दोषी पाया जाता है, तो उन्हें कई सालों की जेल की सजा हो सकती है। इसके अलावा, उनके करियर पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।
सारांश
नोएडा रेव पार्टी केस में एल्विश यादव के खिलाफ गवाह को धमकाने (Threatening Witness) के आरोप में FIR दर्ज की गई है। यह मामला पहले से ही चर्चा में था, लेकिन अब यह और गंभीर हो गया है। पीपल फॉर एनिमल (PFA) और सौरभ गुप्ता (Saurabh Gupta) ने इस मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई है। अब यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या होता है और एल्विश यादव को कानून के सामने जवाब देना पड़ता है या नहीं।
इस केस से यह सबक मिलता है कि कानून के ऊपर कोई नहीं है, और अगर कोई गलत काम करता है, तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए। साथ ही, यह मामला जानवरों के अधिकारों और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को भी उजागर करता है।
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